मंगलवार, 13 अगस्त 2013

Love

"प्रेम में वस्तुयें भी जीवित हो उठती है. पत्थर भी तुमसे बातें करने लग जातें हैं. !!!!!!!!??????"
अध्यात्म में ऐसी अनुभवहीन बातें करना निरा भोलापन के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं. ..भगवान कृष्ण  दुर्योधन को श्री राम रावन जैसे जीवित व्यक्ति को तो बदल नहीं पाये, और हम इतने मुर्ख है की प्रेम से निर्जीव वास्तु को जीवित करने में जीवन गवां रहे है. मान लो पत्थर जीवित हो कर आपसे बोलने लग जायेगा तो उससे भला क्या होगा? इससे अच्छा है कि आप अपने को जीवित करके अपनों से अच्छी तरह से बाते करो......... 
Yoga guru anoop 
New Delhi

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