पता नहीं क्यों मुझे बाल ठाकरे और कश्मीर अलगाववादी में कोई अंतर नहीं दीखता । अलगाववादी आखिर क्या चाहतें है , कश्मीर को अलग देश से अलग कर दिया जाय, उनके जगह में कोई बाहरी न आये।
और ठाकरे जो अपने को देशभक्त कहतें हैंकि उनकी मुंबई में किसी को नहीं रहना चाहिए, किसी बाहरी को हक़ नहीं है वंहा नौकरी करने का , केवल उन्ही कि मुंबई है ....................