सोमवार, 24 अगस्त 2009
मन पर लगाम
समस्त कर्म मनोमय है, मन ही इन इन्द्रियों का पिता है। इसके शुद्ध होने से समस्त इन्द्रियां शुद्ध होतीं हैं। और इसके अशुद्ध होने समस्त इन्द्रियां अशुद्ध होती हैं। आध्यात्म में इसके शुद्धिकरण की ही क्रिया की जाती है। सात अंगों को माध्यम से जिसमे यम्, नियम, आसन, प्राणायाम , धरना, ध्यान तथा समाधी, मन पर लगाम लगे जाती है।
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