जो तू चाहे मुझको छांड सकल की आस।
मुझ ही ऐसा होय रहो सब सुख तेरे पास।।
जेहि मरने से जग डरे , मेरे मन आनंद ।
कब मरिहों कब पहियों , पूरण परमानंद।
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