शारीरिक ; इनके शरीर में कई परिवर्तन आतें हैं जैसे मासिक धर्म कि शुरुवात उसके बाद बच्चे का आना फिर एक उम्र के बाद मासिक धर्म का बंद हो जाना। बच्चे होने के बाद बच्चों से अत्यधिक लगाव । उसके भाभिस्य से सम्बंधित चिंता.
मानसिक ; शारीरिक और सामाजिक बदलाव स्त्री के मन में बहुत अधिक परिवर्तन लाती है। मुख्य परिवर्तन मोह या अटैचमेंट के रूप में आता है । और यही अति मोह स्त्री के डिप्रेसन का प्रमुख कारन बनती है। जब हमें सहारे कि ज्यादा जरूरत पड़ती है तो मोह जागृत होता ही है । सहारे कि ज्यादा जरूरत मन में असुरक्छा बढ़ा देती है। बचपने में माँ बाप तथा शादी होने के बाद पति का सहारा और उसके बाद बच्चों का सहारा । समाज में कुछ नियम ही ऐसा बना गया है कि हर समय उनको सहारे कि जरूरत पड़ती है । यद्यपि आज कल इसमे बहुत कमी आ रही है ।
सामाजिक ; शादी होने के बाद एक रीति रिवाज को छोड़ कर दूसरे रिवाज को ग्रहण करना, वंहा पर संघर्ष कर
के अपनी सत्ता को स्थापित करना। ये सभी मानसिक उथल पुथल उसके मन मस्तिष्क को बहुत कमजोर बनने के लिए मजबूर कर देता है।
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