रविवार, 31 मई 2009
THE ENERGY OF BELIEF
The base of confidence is belief: the confidence comes only after having belief. It’s your nature..............................
बुधवार, 27 मई 2009
स्त्रियों में डिप्रेशन;
शारीरिक ; इनके शरीर में कई परिवर्तन आतें हैं जैसे मासिक धर्म कि शुरुवात उसके बाद बच्चे का आना फिर एक उम्र के बाद मासिक धर्म का बंद हो जाना। बच्चे होने के बाद बच्चों से अत्यधिक लगाव । उसके भाभिस्य से सम्बंधित चिंता.
मानसिक ; शारीरिक और सामाजिक बदलाव स्त्री के मन में बहुत अधिक परिवर्तन लाती है। मुख्य परिवर्तन मोह या अटैचमेंट के रूप में आता है । और यही अति मोह स्त्री के डिप्रेसन का प्रमुख कारन बनती है। जब हमें सहारे कि ज्यादा जरूरत पड़ती है तो मोह जागृत होता ही है । सहारे कि ज्यादा जरूरत मन में असुरक्छा बढ़ा देती है। बचपने में माँ बाप तथा शादी होने के बाद पति का सहारा और उसके बाद बच्चों का सहारा । समाज में कुछ नियम ही ऐसा बना गया है कि हर समय उनको सहारे कि जरूरत पड़ती है । यद्यपि आज कल इसमे बहुत कमी आ रही है ।
सामाजिक ; शादी होने के बाद एक रीति रिवाज को छोड़ कर दूसरे रिवाज को ग्रहण करना, वंहा पर संघर्ष कर
मंगलवार, 26 मई 2009
WEIGHT REDUCTION;
The major cause of obesity is sensual overload. Generally people believe about overeating and hormonal imbalance. But I found in my case study, the major cause of obesity is sensual overload. Taste glands are overactive because of sensual overload.
Technique;
Do right to right nostril breathing for 20 minute at a stretch.
Do let to left nostril breathing for 10 minute immediate after right to right breathing.
And now do alternate breathing for 20 minutes.
Note;
Inhale with effort, while chest expansion.
Exhales without effort with chest relax.
You can do it, even watching TV or sitting on sofa.
It can be done after the gap of two hour meals.
Effect
1 ½ kg will weight reduce in a weak.
blood pressure will become normal in only 7 days.
sleep problem to be solved within weak.
problem of headache can be solved within weak.
सोमवार, 25 मई 2009
HEALTHY INTERACTION
अहम् ब्रम्हास्मि
योगी अनूप
Start slow and finish fast;
The law of accumulation says “by the yard its hard, by inch by inch, anything’s a cinch.”
When you begin thinking about saving 10 or 20 percent of your earnings, you will immediately think of all kind of reasons that it is not possible. You might be up to your neck in debt. You might be spending every single penny that you earn today just to keep afloat.
If you do find in this situation, instead of saving 10 percent, begin saving just one percent of earnings in a special account, which you refuse to touch.
Develop discipline;
The achievement of financial achievement will require a tremendous number of small efforts on your part. To begin the process of accumulation, you must be disciplined and persistent you must keep at it for long, long time. Initially, you will see very little change, change or difference but gradually, your effort will begin to bear fruit. You will begin to pull ahead of your peers. Your finances will improve and your debt will disappear.
Taken it from chhoti chhoti batein
गुरुवार, 7 मई 2009
IRREPARABLE MIND; irreparable software virus
Here I have given some points
· Over desirous mind
· Excessive and negative competitiveness
· Over Attachment to material things and negative emotions
· Over Consciousness about illness (hypochondraism)
· Lust and Greediness
· Anger and hostility
· Loneliness
You have two options; you have a choice, either positive or negative sanskaras. It depends upon you (soul) if having positive aspect then it is repairable and the whole personality will be in the right constructive direction otherwise it will be in irreparable and the destructive direction.
शनिवार, 2 मई 2009
अमिताभ बच्चन; एक खोखला व्यक्तित्व
अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में लिखा की उनको बहुत दुःख हुआ, इस बात को लेकर की धूनी ने देश का सम्मान न लेकर पुरे देश का अपमान किया है। सच में उनके इस घोर दुःख से देश दुखी हो या न हो लेकिन मैं दुखी जरूर हूँ इनके खोखले व्यक्तित्व को देख कर । जब ये उत्तर प्रदेश को एक उत्तम प्रदेश कह रहे थे तब इनकी अंतरात्मा को दुःख नही हुआ। की वंहा की दुर्दशा क्या है । तब तो ये पैसे ले कर टी वी पर प्रचार किए जा रहे थे। और आज जब धूनी अपनी जवानी को भुना रहा है तो ये महाशय कहते हैं की इनको दुःख हुआ। और जब मुंबई पर तेररोरिस्त का हमला हुआ तब तो इनको अपनी ही जान की पड़ी थी, बाबु साहब पिस्टल तकिया के अन्दर रखकर सो रहे थे। तब देश के लिए इनकी अंतरात्मा को दुःख नही हुआ। तब दरवाजे के बाहर भी नही निकल सके की जनता को सांत्वना दे सकें। कम से कम ऐश्वर्या से ही खुस हो लेना चाहिए।
और इस सरकार को क्या कहें जिन्हें कुछ देना चाहिए उनको ये जानते ही नही, वे तो बेचारे भूखें मर गए। बिस्मिल्ला खान, एक महान सक्सियत जिनको अवार्ड दिया पर खाना देना हुआ तो किनारा कर लिया । वे बेचारे मर गए, अवार्ड के साथ। अब धूनी को भी ये सरकार वाले मारने की योजना बना रहें हैं। वो बेचारा कमा रहा है, जब देखो अवार्ड थमाने (देने) लागतें हैं ।
वर्तमान डरावना है
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Q-Is there any permanent solution for Dislocated Navel? A-Yes, Yoga gives you a permanent cure of this acute problem. Except yoga there is n...