- ध्यान करने के बाद शरीर को लगभग छोड़ चुका था ।
- क्रिया योग जब मैंने किया अपने रीड के अंदर तब शुन्यतम अवस्था में पहुँच गया।
- हार्ट बीट बहुत कम हो चुकी थी , लगभग ३० । शरीर में ठण्ड बढ़ रही थी, मुझे लगा की शरीर छूट जायेगी ।
- शरीर में भार उस समय विल्कुल अनुभव नही हो रहा था।
- मै अंतरतम में चला ही जा रहा था
- पर दुर्भाग्य वश एक विचार मन में आया और वापस मै वापस संसार में लौट आया।
- जीवन में कुछ भी नही है , की जब अनुभूति हो जाय तब मन का डिगना आसानी से सम्भव नही।
गुरुवार, 12 फ़रवरी 2009
अनुभव
आज का ध्यान दिन बहुत अच्छा है ।
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